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निरंकुशतावाद, लोकतंत्र और सर्वहारा की तानाशाही

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                           📷Still from film la-commune-paris -1871, Directed by Peter Watkins (2000)    अनूदित: Authoritarianism, Democracy and Dictatorship of the Proletariat                                                                     अ  : वर्तमान परिस्थिति में ,  नवउदारवाद का संकट पूरी दुनिया में (निरंकुश)सत्तावादी शासन के उदय के रूप में प्रकट होता है। इससे एक बार फिर सत्ता-विरोधी राजनीति की समस्या उत्पन्न हो गई है। वामपंथ के एक निश्चित वर्ग का तर्क है कि ऐसे परिदृश्य में हमारा तात्कालिक कार्य उदार लोकतंत्र की रक्षा करना और उसके साथ खड़ा होना होना चाहिए ,  और यही (निरंकुश)सत्ता-विरोधी राजनीति करने का एकमात्र तरीका है। इस सब में आप कहाँ खड़े हैं ?  निरंकुशतावाद से आप क्या समझते हैं ? ज  : सामान्यतया ,  निरंकुशतावाद एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा दूसरे व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह पर प्रभुत्व या शक्ति का प्रयोग है। यह व्यक्तिगत वर्चस्व का एक रूप है ,  जो मूलतः अलोकतांत्रिक है। लेकिन फिर ,  सबसे पहले सवाल उठता है कि लोकतंत्र क्या है ?  क्या लोकतंत्र ,  जैसा कि हम जानत