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बुधियारों के लिए, बुड़बकों की ओर से....

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प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के द्वारा हाल ही में किये गये चक्काजाम के बाद उन्हें राजनीतिक चेतना विहीन , कम पढ़ा-लिखा या सीधे-सीधे बुड़बक कह दिया गया. ऐसा क्यों हुआ कि जब छात्र अपने सीधेपन और निरापद सहिष्णुता से बाहर आकर आंदोलनरत हुए तो उन्हें बुड़बक कह दिया गया. सरकार और व्यवस्था छात्रों को गधा बनाये रखना चाहती है , जिसमें वे बहुत हद तक सफल भी है. लेकिन जब छात्र उनके गदहेपन से बाहर निकल रहे है तो उन्हें बुड़बक कह दिया जा रहा है. नेताओं , पार्टियों , बुद्धिजीवियों  और मीडिया-मैनेजरों द्वारा छात्रों को बुड़बक कहे जाने के कारणों को हम देखने की कोशिश करेंगे. हम हमेशा से देखते आ रहे हैं , कि किस प्रकार राजसत्ता युवाओं को सिर्फ और सिर्फ वोट की राजनीति में उलझाये रखना चाहती है. जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र भी शामिल हैं. जब तक छात्र आपकी राजनीति के लिए मोहरे के रूप में काम करते हैं तबतक इनसे कोई शिकायत नहीं रहती और जैसे ही यह छात्र अपने सारे अंतर्विरोधों को तोड़कर अपने हकों के लिए चक्काजाम करते हैं , तो इन्हें बुड़बक करार दे दिया जाता है.    क्या प्रतियोग

'सनद' के साथियों से...

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आज के समय में, जब संवाद या बातचीत बहुत मुश्किल जान पड़ती है, ऐसे में 'सनद' (पटना विश्वविद्यालय में सक्रिय एक सांस्कृतिक मंच) की ओर से परिचर्चा के लिए पहल करना अच्छी बात है । हमारे लिए तो और भी खुशी की बात है कि यह परिचर्चा हिंदी साहित्य के इर्दगिर्द हो रही है (चूँकि हम हिंदी साहित्य के छात्र हैं) ।विश्वविद्यालयों में साहित्य को पढ़ने-पढ़ाने की निश्चित प्रक्रिया है, जिसमें साहित्य का लगातार अकादमीकरण किया जाता रहा है। ऐसा हमें इसलिए लगता है क्योंकि अभी के समय में विश्वविद्यालयों की कक्षाओं में या कक्षाओं के बाहर संवाद या परिचर्चा जैसी कोई चीज देखने को नहीं मिलती है। विश्वविद्यालयों ने साहित्य को केवल परीक्षाओं के प्रश्न-उत्तर और जड़ हो चुकी पुरानी मान्यताओं को ढोने भर में समेट दिया है।  संवाद करने का जो सीधा मतलब हमें समझ में आता है वह यह है कि पूर्व निर्धारित स्थितियों को हम अस्वीकार करने की यथासंभव कोशिश करेंगे। संवाद को पहले से दिए गए रूप या मापदंड में बांधना रूप की ताकत से वशीभूत होना है। 'यहां अंतर्वस्तु रूप के पीछे पीछे चलती है, रूप की चेरी है, यहाँ नारे अंतर्वस्तु से आगे