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कैम्पस लोकतंत्र के लिए आम-सभा

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विश्वविद्यालय और ख़ास कर पटना कॉलेज में छात्र-छात्राओं के साथ मार-पीट की घटनाएं पिछले एक महीने से जारी है और निरंतर राजनीतिक स्वरुप अख्तियार कर रही है. फरवरी के 24 तारीख को कैम्पस में हो रही इन लम्पट घटनाओं के आलोक में हिंदी और जनसंचार विभाग की ओर से एक आम सभा या जेनरल असेम्बली हुई थी. जेनरल असेम्बली में यह बात सामने आई थी कि कॉलेज के अन्य विभागों के साथ हम मिलजुल कर और सभाएं आयोजित करेंगे और लड़के-लड़कियों के मेल-जोल और कैम्पस लोकतंत्र के लिए आपसी संवाद बढ़ाया जाएगा. एसेम्बली में यह बात समझने की कोशिश की गयी थी कि आखिर कैम्पस में लड़के-लड़कियों के मुक्त हेल-मेल से किन शक्ति सम्बन्धों को दिक्कत होती है जिन्हें बहाल रखने के लिए पार्ट वन के विद्यार्थियों को टार्गेट कर-कर के मारा और डराया और धमकाया जा रहा है. ख़ास तौर से लड़कियों की कैम्पस में बढ़ती हिस्सेदारी को लम्पट तरीके से बाँधने की कोशिशें तेज करनी पड़ रही है. न केवल यही बल्कि पिछड़े तबकों और इलाकों से आने वाले छात्र-छात्राओं को बाँध कर रखने और अपनी आवाज को दबा कर रखने और कॉलेज में घुमने फिरने से रोकने का क्या मतलब है? कहीं लम्पट ताकतें दबाये